बागेश्वर के गरुड़ नगर पंचायत में कत्यूर महोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ: सांस्कृतिक गौरव, जनसहभागिता और परंपराओं का संगम

भगवत नेगी , MHMD NEWS Garur
बागेश्वर जिले के गरुड़ नगर पंचायत में 13 अप्रैल 2025 से प्रारंभ हुए तीन दिवसीय कत्यूर महोत्सव का उद्घाटन भव्यता और सांस्कृतिक समृद्धि के साथ संपन्न हुआ। नगर पंचायत अध्यक्ष भावना वर्मा और ब्लॉक प्रशासक हेमा बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित इस महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से किया। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।
यह तीन दिवसीय आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम रहा, बल्कि क्षेत्र की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को जनमानस के सामने लाने का एक श्रेष्ठ प्रयास भी सिद्ध हुआ।

उद्घाटन समारोह का दृश्य और माननीयों की गरिमामयी उपस्थिति
महोत्सव का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा की गरिमामयी उपस्थिति रही। समारोह में उपस्थित अन्य विशिष्ट अतिथियों में दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट, बागेश्वर जिलाधिकारी आशीष भटगांई, पुलिस अधीक्षक, विधायक पार्वती दास, कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, तहसीलदार निशा रानी, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, व्यापार मंडल से बबलू नेगी, महेश बिष्ट, प्रेम सिंह नेगी, बागेश्वर जिले के सभी विभागों के अधिकारी , नगर पंचायत की समस्त सभासद, भाजपा और कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्षों व् सभी पदाधिकारी समेत जिले के प्रमुख पत्रकार बंधु शामिल रहे।
सांस्कृतिक रैली का गौरवशाली आयोजन
महोत्सव के पहले दिन की शुरुआत एक ऐतिहासिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही। समस्त गरुड़ ब्लॉक के सरकारी और निजी विद्यालयों के बच्चों, महिलाओं एवं स्थानीय सामाजिक संगठनों ने पारंपरिक कत्यूरी परिधानों में सजधज कर एक सांस्कृतिक रैली निकाली। रैली का आरंभ राजकीय इंटर कॉलेज गरुड़ से हुआ जो महोत्सव स्थल तक विशाल उत्साह और लोकधुनों के साथ पहुंची।
पुलिस प्रशासन की बेहतरीन व्यवस्था

रैली की सफलता में पुलिस प्रशासन की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। सुरक्षा, यातायात नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन की दृष्टि से पुलिस बल ने सही समय पर तैनाती, मार्ग नियंत्रण, और समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। रैली के दौरान छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया। पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था और संवेदनशीलता ने यह सुनिश्चित किया कि रैली शांति, सौहार्द और गरिमा के साथ अपने गंतव्य तक पहुंचे।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में क्षेत्र के थानाध्यक्ष प्रताप नगरकोटी और उनकी टीम हर मोर्चे पर सतर्क दिखी। ट्रैफिक को नियंत्रित रखते हुए, रैली को किसी प्रकार की अवरोध या बाधा के बिना संपन्न कराया गया, जो कि प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण था।
रंगारंग कार्यक्रमों की झलक

महोत्सव स्थल पर पहुंचने के बाद बच्चों द्वारा विभिन्न पारंपरिक नृत्यों, गीतों और समूह प्रदर्शन का भव्य मंचन हुआ। हर प्रस्तुति में उत्तराखंड की संस्कृति, रीति-रिवाज और लोकजीवन की झलक देखने को मिली। एपण कला प्रतियोगिता, रंगोली, पारंपरिक पकवानों की प्रदर्शनी, लोक संगीत और लोक नृत्य की प्रस्तुतियाँ इस महोत्सव की आत्मा बन गईं।
नमामि गंगे और दीपोत्सव की अलौकिक संध्या
महोत्सव के पहले दिन की शाम को वन विभाग द्वारा बैजनाथ मंदिर परिसर में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत एक भव्य दीपोत्सव आयोजित किया जाना है
कलाकारों और सेवा भाव का अद्भुत मेल
महोत्सव में भाग ले रहे सभी कलाकारों और सांस्कृतिक दलों के लिए भोजन, जलपान की उत्तम व्यवस्था गोपाल सिंह नेगी और उनके भाइयों द्वारा की गई। सेवा और समर्पण की यह भावना पूरे महोत्सव में व्याप्त रही, जिसने आयोजन को एक पारिवारिक और सामूहिक उत्सव का स्वरूप प्रदान किया।
स्थानीय व्यापार और महिला सहभागिता

महोत्सव के दौरान स्थानीय व्यापारियों के लिए स्टॉल, हस्तशिल्प, हर्बल उत्पाद, पारंपरिक परिधान, स्थानीय खानपान आदि का प्रदर्शन और विक्रय किया गया। वहीं महिलाओं के लिए शगुन आंखर, महेंदी प्रतियोगिता, एपण निर्माण, और सांस्कृतिक वेशभूषा प्रदर्शनी जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिला।
सांस्कृतिक नवजागरण का प्रतीक
कत्यूर महोत्सव 2025 एक सांस्कृतिक नवजागरण का प्रतीक बनकर उभरा है। यह न केवल एक महोत्सव था, बल्कि एक ऐसा माध्यम बना जिसने लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ा, परंपराओं को पुनर्जीवित किया, और आने वाली पीढ़ियों को अपने सांस्कृतिक गर्व से अवगत कराया। पुलिस प्रशासन, शिक्षा संस्थान, सांस्कृतिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, महिलाओं, बच्चों, पत्रकारों और सेवा करने वाले सभी व्यक्तियों की सामूहिक भागीदारी ने इसे एक आदर्श आयोजन बना दिया। महोत्सव तीन दिन चलेगा 15 अप्रेल को संपन होगा ,