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उत्तराखंड पूर्व सैनिक संगठन बागेश्वर ने कश्मीर हमले के विरोध में निकाला मशाल जुलूस, आतंकवाद के खिलाफ उठाई सशक्त आवाज


भगवत नेगी, Mhmd News Garur
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 28 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई, ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस जघन्य कृत्य के खिलाफ देशभर में आक्रोश की लहर है। इसी क्रम में उत्तराखंड पूर्व सैनिक संगठन, जनपद बागेश्वर ने संगठन अध्यक्ष कैप्टन भूपेश दफौटी के नेतृत्व में एक विशाल और भावनात्मक मशाल जुलूस का आयोजन किया।
यह मशाल जुलूस 24 अप्रैल की शाम 6:30 बजे ऐतिहासिक नुमाइशखेत मैदान से आरंभ होकर शहीद स्मारक स्थल, तहसील रोड तक निकाला गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शहीद पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करना और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देना था।
जुलूस के दौरान “आतंकवाद मुर्दाबाद”, “पाकिस्तान होश में आओ”, जैसे गगनभेदी नारों से पूरा शहर गूंज उठा। पूर्व सैनिकों के साथ आम नागरिकों ने भी इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भागीदारी निभाई, जिससे यह जुलूस जनआक्रोश का प्रतीक बन गया।
पूर्व सैनिकों की प्रभावशाली उपस्थिति:
इस जुलूस में भाग लेने वालों में नयन खेतवाल, चरन मलड़ा, मोहन कनवाल, कुंदन नगरकोटी, नरेश बिष्ट (एडवोकेट), कंचन मटियानी, आनंद जोशी, आर. सी. तिवारी, कैलाश पंत, बिशन भंडारी, महेश कांडपाल, चामू देवली, पूरन जोशी, मेहरबान खेतवाल, नरेंद्र दफौटी, नवीन चंद्र जोशी, माधो डसीला, मनोज धामी, जगत नगरकोटी, महेश नगरकोटी, बलवंत सिंह, दीवान नगरकोटी, मदन परिहार, दीवान खेतवाल, हरक बजेठा, चंचल सिंह, पी. तिवारी, प्रताप मेहता, मदन नगरकोटी, पी. एस. परिहार, अर्जुन दफौटी, देव सिंह बिष्ट जैसे सम्मानित पूर्व सैनिक शामिल थे।
जनसहभागिता और समर्थन:
पूर्व ब्लॉक प्रमुख इंद्र सिंह परिहार, प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं समाजसेवी दलीप खेतवाल, व्यापार संघ अध्यक्ष कवि जोशी सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने भी जुलूस में सम्मिलित होकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाई।
भावनात्मक आभार:
कार्यक्रम के महासचिव रमेश भंडारी (एडवोकेट) ने समस्त पूर्व सैनिकों और नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि—
“यह मशाल जुलूस न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि है, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध हमारे अडिग संकल्प का प्रतीक भी है। जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम देश की एकता, अखंडता और शांति के लिए हर मोर्चे पर तैयार हैं।”

बागेश्वर की धरती से उठी यह मशाल अब केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक जनभावना है। इस जुलूस ने स्पष्ट संदेश दिया है कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की शांति से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उत्तराखंड के वीर सैनिक और जागरूक नागरिक हमेशा देशहित में एकजुट हैं और आतंकवाद के विरुद्ध एक सशक्त आवाज बनकर खड़े हैं।
रिपोर्ट: भगवत नेगी,  गरुड
“मेरा हक मेरा देश न्यूज़”

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