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पत्रकारों के खिलाफ फर्जी शिकायतों की साज़िश: पहले दिनेश नेगी, अब विपिन जोशी को बनाया गया निशाना, मीडिया बिरादरी से एकजुटता की अपील


Bhagwat Negi Mhmd News Garur

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले पत्रकारों के खिलाफ सुनियोजित साज़िशें अब धीरे-धीरे उजागर हो रही हैं। हाल के दिनों में जिस प्रकार पत्रकारों को झूठे और फर्जी शिकायतों के माध्यम से मानसिक, सामाजिक और पेशेवर रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, वह अत्यंत चिंताजनक है। इस क्रम में दो वरिष्ठ और सम्मानित पत्रकार – दिनेश नेगी (अमर उजाला) और विपिन जोशी (हिन्दुस्तान) को निशाना बनाया गया है।

ताजा मामला पत्रकार विपिन जोशी से जुड़ा है, जिनके खिलाफ एक स्कूल शिक्षक द्वारा एक मनगढ़ंत और तथ्यहीन शिकायत उनके उच्च अधिकारियों को भेजी गई। जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यह शिकायत पूरी तरह से झूठ पर आधारित थी और इसका उद्देश्य केवल पत्रकार की छवि को धूमिल करना था। इससे पूर्व, पत्रकार दिनेश नेगी के खिलाफ भी इसी तरह एक फर्जी नाम से शिकायत भेजी गई थी, जो साजिश का हिस्सा साबित हुई।

इन घटनाओं में एक समानता यह है कि शिकायतें न केवल फर्जी नामों से की गईं, बल्कि उनमें दर्शाए गए तथ्य भी मनगढ़ंत और बिना किसी प्रमाण के थे। इससे यह अंदेशा और गहराता है कि यह पत्रकारों की स्वतंत्र आवाज़ को दबाने का एक खतरनाक प्रयास है। ये घटनाएं यह संकेत देती हैं कि सच और जनहित के मुद्दों को उठाने वाले पत्रकारों को टार्गेट करने की सुनियोजित साज़िश की जा रही है।

इस प्रकरण के विरोध में 22 अप्रैल 2025 को क्षेत्र के सभी प्रमुख पत्रकारों ने एकजुट होकर एसडीएम जितेंद्र वर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से उपखंड शिक्षा अधिकारी को भेजी गई शिकायत की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। एसडीएम ने गंभीरता दिखाते हुए तत्काल एसएचओ को निर्देशित किया कि इस मामले में उचित कार्यवाही करते हुए आरोपी की पहचान कर, उसे दंडित किया जाए।

इस ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम में पत्रकार जगत की एकता देखने को मिली। प्रमुख पत्रकार अखिल जोशी (पत्रकार संघ अध्यक्ष) ने कहा, “आज विपिन जोशी के साथ यह हुआ है, कल किसी और पत्रकार को इसी प्रकार निशाना बनाया जा सकता है। यह लड़ाई अब केवल एक व्यक्ति की नहीं, पूरे पत्रकार समाज की है।” उनके साथ रमेश पाण्डे, अनिल पांडेय, चंद्रशेखर बडसीला, दिनेश नेगी, जगदीश पाण्डे, अर्जुन राणा, प्रमोद जोशी, और भगवत नेगी सहित दर्जनों पत्रकार उपस्थित रहे।

इस एकजुटता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पत्रकारिता की आवाज़ को दबाने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होने दी जाएगी। यह सिर्फ दो पत्रकारों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी पत्रकारिता बिरादरी के खिलाफ साज़िश है। मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति को अब और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।

मेरा हक मेरा देश न्यूज़ इस पूरे मामले की निंदा करता है और फर्जी शिकायतों के खिलाफ लड़ रहे पत्रकारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है। यह हमारी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है कि हम सच की आवाज़ को न केवल उठाएं, बल्कि उसे सुरक्षित रखने के लिए हर मोर्चे पर खड़े रहें।

सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। पत्रकारिता की आवाज़ कभी दबाई नहीं जा सकती।

भगवत नेगी
मेरा हक मेरा देश न्यूज़


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