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वनाग्नि से बचाव के लिए गरुड़ में महत्वपूर्ण बैठक, सभी विभागों ने मिलकर बनाई रणनीति

वनाग्नि से बचाव के लिए गरुड़ में महत्वपूर्ण बैठक, सभी विभागों ने मिलकर बनाई रणनीति

गरुड़ क्षेत्र में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी (एसडीएम) गरुड़ जितेन्द्र वर्मा की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक गरुड़ तहसील कार्यालय में संपन्न हुई, जिसमें वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, जल निगम और हंस फाउंडेशन सहित कई विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने सभी विभागों से वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए समन्वित रूप से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वनाग्नि केवल वन संपदा को ही नहीं बल्कि स्थानीय पर्यावरण और मानव जीवन को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है। ऐसे में सभी विभागों को टीमवर्क और आपसी सहयोग के साथ काम करना होगा।

वन विभाग की ओर से की गई तैयारियाँ

बैठक में उप प्रभागीय वनाधिकारी सुनील कुमार ने जानकारी दी कि गरुड़ तहसील अंतर्गत गड़खेत और बैजनाथ रेंज में कुल 12 ‘करूं स्टेशन’ स्थापित किए गए हैं। इन स्टेशनों के माध्यम से वनाग्नि की घटनाओं पर शीघ्र नियंत्रण किया जा सकेगा। इसके अलावा, दोनों रेंजों के ग्रामों में जन जागरूकता के उद्देश्य से 62-62 सभाएं आयोजित की गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक गांव में चार-चार फायर वॉचर नियुक्त किए गए हैं, जो वनाग्नि की रोकथाम और निगरानी का कार्य कर रहे हैं। दिसंबर से फरवरी तक वन विभाग द्वारा ‘कंट्रोल बर्निंग’ की प्रक्रिया भी अपनाई गई है, ताकि सूखी घास व पत्तियों को नियंत्रित रूप से जलाकर भविष्य की आग की संभावना को कम किया जा सके।

प्रशासनिक और अन्य विभागों की सहभागिता

बैठक में उपस्थित अन्य अधिकारियों में तहसीलदार निशा रानी, नायब तहसीलदार प्राची बहुगुणा, वन क्षेत्राधिकारी गड़खेत केवलानंद पांडे, वन क्षेत्राधिकारी बैजनाथ महेन्द्र सिंह गुसाईं, जल निगम की जूनियर इंजीनियर अंजली नेगी, कौसानी के थानाध्यक्ष दिनेश पंत, राजस्व उपनिरीक्षक प्रवीण टाकुली, रघुवर सिंह और रेनू भंडारी शामिल थे।

सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों से मिलने वाले सहयोग और आवश्यक संसाधनों को साझा किया। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया कि आगामी गर्मियों के मौसम में वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण, मानव संसाधन और रणनीतियाँ पूरी तरह तैयार रहें।

समापन पर किया गया जागरूकता का आह्वान

बैठक के समापन पर एसडीएम जितेन्द्र वर्मा ने सभी ग्रामीणों से अपील की कि वे वनाग्नि की रोकथाम के लिए सजग रहें और किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी प्रशासन को दें। साथ ही, बच्चों को आग से दूर रखने, खेतों में आग लगाने से बचने और जंगलों में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने की सलाह दी गई।

इस प्रकार, गरुड़ प्रशासन और विभिन्न विभागों की सामूहिक बैठक से यह स्पष्ट संदेश गया कि वनाग्नि पर नियंत्रण केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही संभव है।

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