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चर्च और मंदिर एक साथ: धार्मिक अखण्डता का प्रतीक
बागेश्वर के फटगली गॉव में 1937 का निर्मित प्राचीन गिरजा घर में 25 दिसंबर 2023 को धूमधाम से क्रिसमस डे मनाया गया। फटगली चर्च के प्रांगण में ही गॉव का प्रसिद्ध काली मंदिर भी स्थित है। मंदिर और चर्च का अद्भुत धार्मिक समन्वय यहां देखने को मिला। चर्च के प्रांगण में एक स्थानीय ग्रामीणों ने एक मेले का आयोजन किया था। मेले में बच्चों के खिलौने खाने-पीने के स्टाल आदि लगे थे। बड़े दिन के मेले में क्षेत्र के तीन हजार ग्रामिणों ने प्रतिभाग किया। विधायक पार्वती दास ने मेले में शामिल हो क्षेत्रवासियों को क्रिसमस डे की बधाई दी। क्रिसमस डे का प्रारंभ चर्च के सभागार में प्रार्थना सभा से हुआ। क्षेत्रीय महिला पादरी प्रतिनिधि ने ईशू समीह का शांती संदेश पढ़ा फिर बारी-बारी से सबने ईशू मसीह के जन्म दिन को याद करते हुए गीत और प्रार्थना गाई। एक दूसरे को बधाई भी दी। अल्मोड़ा से आये पादरी ने ईशू मसीह के जन्म की कथा सुनाई और विश्व कल्याण का आह्वाहन किया।
फटगली चर्च गॉव के उच्च शिखर पर स्थित है और चर्च के प्रांगण से लगा है काली मंदिर क्रिसमस डे आयोजन में क्षेत्र के सभी वर्गो की उपस्थिति देखी गई। स्कूल के बच्चों और गॉव के युवाओं ने ईशू मसीह के जन्म पर आधारित नाटक और गीतों से सभी का मन मोह लिया। भारत विविधता से परिपूर्ण देश है और सभी धर्मो का सम्मान देश की माटी में समाहित एक प्रमुख गुण है। फटगली का क्रिसमस डे त्योहार धार्मिक अखण्डता का प्रतीक भी है। जहां सभी धर्मो के लोग मिलजुलकर अपने-अपने त्योहार मनाते हैं और एक दूसरे के त्योहारों में शामिल हो सुख, समृद्धि की कामना भी करते हैं। फटगली की संगीता ने बताया कि गॉव वासी हर साल क्रिसमस डे पर्व को पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाते हैं। क्रिसमस डे मनाने का उद्देश्य है विश्व में शांती हो और प्रत्येक मानव के जीवन में समृद्धि तथा प्रेम भाव की स्थापना हो। सबके जीवन में शांती कायम हो। आज जिस प्रकार का जन जीवन समाज में पनप रहा है उसमें नफरत और घृणा का भाव ज्यादा दिखता है। इसलिए जरूरी है कि समाज में प्रेम भाव और आपसी सौहार्दय का माहौल बने। ताकी देश तरक्की करें और सभी का सम्यक विकास हो सके।
विपिन जोशी/मेरा हक मेरा देश न्यूज/बागेश्वर, उत्तराखण्ड

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