गरुड़ घाटी में बढ़ता जा रहा गुलदार का आतंक, दो युवकों पर किया हमला | वन विभाग ने बढ़ाई गश्त

भगवत नेगी , Mhmd News Garur
उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद की हरी-भरी गरुड़ घाटी इन दिनों गुलदार के बढ़ते आतंक से सहमी हुई है। क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, क्योंकि बीते कुछ दिनों में गुलदार की गतिविधियां अचानक से बढ़ गई हैं। कभी जंगलों तक सीमित रहने वाला यह शिकारी अब बस्तियों के आस-पास भी दिखाई देने लगा है, जिससे लोगों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
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सोमवार देर शाम गरुड़ क्षेत्र के डंगोली आरएफसी गोदाम के पास उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब गुलदार ने अचानक बाइक सवार दो युवकों पर हमला कर दिया। ये दोनों युवक—गिरीश पाण्डेय और भवानी पाण्डेय, पाए गांव के निवासी हैं और उस समय गरुड़ की ओर लौट रहे थे। जैसे ही वे डंगोली के पास मुख्य मार्ग पर पहुंचे, पहले से घात लगाए गुलदार ने उन पर झपट्टा मारा।

गनीमत रही कि बाइक गिरने से बच गई और दोनों युवकों ने बहादुरी से शोर मचाया, जिससे गुलदार डर कर जंगल की ओर भाग गया। हालांकि, हमले में गिरीश पाण्डेय घायल हो गए, जिनके पैर में गुलदार का पंजा लगने से गहरा जख्म हो गया। घायल को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनके पैर में छह टांके लगाए और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉक्टर मानसी जोशी ने जानकारी दी कि, “रात्रि में दो युवक अस्पताल लाए गए थे, जिनमें एक के पांव में गहरा घाव था और दूसरे को हल्की चोटें थीं। दोनों ने बताया कि उन पर गुलदार ने हमला किया था। हमने उनका इलाज कर उन्हें सुरक्षित घर भेज दिया है।”
लगातार सामने आ रही घटनाएं:
इस घटना से पहले भी गुलदार को टीटबाजार मार्ग पर घूमते देखा गया था। वहीं, रावतकोट गांव में गुलदार ने एक बैल को शिकार बना लिया था। इन घटनाओं से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे शाम के बाद अपने घरों से बाहर निकलने में भी डरने लगे हैं।
कल की घटना और वन विभाग की सक्रियता:
कल ही पास के पास्तोली क्षेत्र में भी गुलदार देखे जाने की खबर आई थी, जिससे स्थानीय लोग बेहद सहम गए। इस संबंध में वनाधिकारी महेंद्र सिंह गोसाई ने अपनी टीम के साथ क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को सचेत किया और जागरूकता अभियान चलाते हुए उन्हें गुलदार से बचाव के उपाय बताए।
वन विभाग द्वारा माइकिंग के माध्यम से लोगों को रात के समय अकेले न निकलने, छोटे बच्चों को अकेला बाहर न भेजने और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर रखने जैसे सुझाव दिए गए। विभाग ने ग्रामीणों से किसी भी गुलदार की सूचना तत्काल देने की अपील भी की है, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।
गरुड़ घाटी में गुलदार की बढ़ती सक्रियता प्रशासन और वन विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। जहां एक ओर ग्रामीण दहशत में हैं, वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने भी स्थिति को संभालने के लिए सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। लेकिन अब ज़रूरत इस बात की है कि स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं—जैसे पिंजरे लगाना, ट्रैप कैमरे स्थापित करना, और रात्रि गश्त को और प्रभावी बनाना—ताकि इंसान और वन्यजीवों के बीच बढ़ते टकराव को रोका जा सके।