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अमस्यारी में हादसे का शिकार हुआ रूसी पर्यटक, गांव की महिलाओं ने निभाई मानवता की मिसाल


गरुड़ (उत्तराखंड), संवाददाता भगवत नेगी।

उत्तराखंड की वादियों में घूमने आया एक रूसी नागरिक शनिवार को एक हादसे का शिकार हो गया। अमस्यारी गांव के पास ट्रैकिंग के दौरान वह फिसलकर खेत में जा गिरा और घायल हो गया। लेकिन इस मुश्किल घड़ी में गांव की महिलाओं ने जो साहस और मानवीय संवेदना दिखाई, वह वाकई सराहनीय है।


घटना देर शाम की बताई जा रही है जब ग्वालदम से गरुड़ की ओर ट्रैकिंग कर रहा रूसी नागरिक ‘रूसो’ नामक पर्यटक अमस्यारी गांव के निकट पगडंडी पर चलते हुए अचानक फिसल गया। असंतुलन के चलते वह खेत में जा गिरा और चोटिल हो गया। इसी दौरान घास लेकर लौट रही गांव की महिलाओं को किसी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी।
महिलाओं ने बिना देर किए आवाज की दिशा में दौड़ लगाई और खेत में जाकर देखा तो एक विदेशी युवक घायलावस्था में पड़ा हुआ था। वह लगातार हाथ जोड़कर इशारों में कुछ कहने की कोशिश कर रहा था। भाषा की बाधा के बावजूद महिलाओं ने मानवीय कर्तव्य निभाते हुए उसे सड़क मार्ग तक पहुंचाया और फिर एक निजी वाहन की सहायता से नजदीकी अस्पताल भेजा।
इस मदद में चंद्रा जोशी, भगवती जोशी, तारा देवी, हेमा जोशी, अनीता जोशी, कविता जोशी, सीमा परिहार, हर्षिता जोशी सहित कई अन्य ग्रामीण महिलाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने न सिर्फ उसे सहारा दिया बल्कि बड़ी ही सावधानी से उसे

सुरक्षित सड़क तक पहुंचाया।


महिलाओं ने बताया कि उन्हें उसकी बोली समझ नहीं आ रही थी, लेकिन उसकी हालत देखकर साफ लग रहा था कि वह मदद की गुहार लगा रहा है। इस स्थिति में उन्होंने पूरी संवेदना और साहस के साथ मदद की।
इस बीच, स्थानीय लोगों की सूचना पर बैजनाथ थाना पुलिस से संपर्क किया गया। थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नगरकोटी ने जानकारी दी कि घायल व्यक्ति रूसी नागरिक है और उसकी पहचान ‘रूसो’ के रूप में हुई है। वह अपने तीन विदेशी साथियों के साथ उत्तराखंड की प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेने आया था। साथ में उनका निजी सर्जन भी था, जिसने प्राथमिक उपचार किया। पुलिस के अनुसार, रूसो को मामूली चोटें आई थीं और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। वर्तमान में वह अपने साथियों के साथ एक निजी होटल में ठहरा हुआ है।

इस घटना ने जहां एक ओर पर्यटक सुरक्षा की चुनौती को उजागर किया, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलाओं द्वारा दिखाई गई संवेदना और तत्परता ने यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि यहां के लोग भी सच्चे अर्थों में मेहमाननवाज़ और सहृदय हैं।

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