महिला सुरक्षा के वादों का सच
: विपिन जोशी
महिला सुरक्षा के वादों का सच और प्रज्वल रेवन्ना का सैक्स स्कैण्डल कांड ? सोचने के लिए मजबूर हर उस इंसान को करेगा जिसके अंदर थोड़ा सा इंसानियत बची है या महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव मौजूद है। सवाल तो बनता है देश की सबसे बड़ी पार्टी के आलाकमानों से कि क्यों दिया साथ एक ऐेसे चरित्रहीन नेता का जिसके बारे में पार्टी के ही नेताओं ने नकारात्मक फीडबैक दिया था। मीडिया के मुताबिक 2900 अश्लील वीडियों क्लिप कर्नाटक में चुनाव से ठीक दो दिन पूर्व वायरल हुई और इससे ठीक पहले केन्द्रीय सत्तारूढ़ दल के स्टार प्रचारकों ने आरोपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगे। सबसे चुस्त दुरूस्त आई सैल जिस पार्टी के लिए दिन रात खबरें बनाता है और तमाम मुद्दों को वायरल करता है क्या उनको नहीं पता था भारत के सबसे बड़े सैक्स स्कैण्डल के बारे में ? केन्द्र सरकार की तमाम ऐंजेंसियां क्या कर रही थी ? क्यों जेडीएस के प्रस्याक्षी को टिकट दिया गया ? क्यों परिवारवाद को बढ़ावा दिया गया ?
सवाल तो विपक्ष के लिए भी बनता है कि यदि उनको सब पता था तो चुनाव से पहले क्यों नहीं मामले के प्रति कानूनी कार्यवाही की आखिर कर्नाटक में तो उन्हीं की सरकार है। कैसे आरोपी अपना क्षेत्र छोड़ कर चुनाव के तुरंत बाद फरार हो गया ? किसने फरार होने में मदद की ? पूर्व सांसद के घर में काम करने वाली महिला स्टाफ ने हिम्मत की और आवाज उठाई तब ये मामला सामने आया लेकिन सूत्रों के हवाले से पता चलता है कि पार्टी के अंदरखाने कार्यकर्ता प्रज्वल को टिकट देने के खिलाफ थे यानी उनको कुछ तो भनक थी तो क्यों आलाकमान ने मामला संज्ञान में नहीं लिया ? किसी भी पार्टी के लिए सिर्फ चुनाव जीतना और सत्ता विस्तार करना ही लक्ष्य होना चाहिए ? या लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, राजनैतिक सुचिता और नागरिक सुरक्षा, महिला सम्मान जैसे मूल्य भी पार्टी के वैचारिक चेतना में दिखने चाहिए। आजाद भारत का यह पहला मामला है जिसने सोचने पर मजबूर किया है। गृहमंत्री जी ने अपने भाषण में इस मुद्दे से पल्ला झाड़ते हुए बयान दिया है कि उक्त मामला पुलिस और कानून का है और राज्य सरकार को एक्शन लेना चाहिए। लेकिन प्रधान मंत्री जी पुनः पूर्ववत रूप से मौन धारण किए हैं, मणिपुर हिंसा पर भी मौन थे और अब कर्नाटक सैक्स स्कैण्डल पर भी मौन है, आरोपी प्रज्वल के वीडियो सबके सामने हैं कर्नाटक की 14 शीटों के लिए दूसरे चरण का चुनाव होना है। क्या केन्द्र सरकार चुनाव निपटने से पहले कर्नाटक सैक्स स्कैण्डल के आरोपी को सजा दिलाने के लिए महती कदम उठायेगी या मौन रह कर चुनाव जीतने का उपक्रम करेगी। वक्त की आगोश में कैद हैं बहुत से सवालों के जवाब।
महिला सुरक्षा के वादों का सच और प्रज्वल रेवन्ना का सैक्स स्कैण्डल कांड ? सोचने के लिए मजबूर हर उस इंसान को करेगा जिसके अंदर थोड़ा सा इंसानियत बची है या महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव मौजूद है। सवाल तो बनता है देश की सबसे बड़ी पार्टी के आलाकमानों से कि क्यों दिया साथ एक ऐेसे चरित्रहीन नेता का जिसके बारे में पार्टी के ही नेताओं ने नकारात्मक फीडबैक दिया था। मीडिया के मुताबिक 2900 अश्लील वीडियों क्लिप कर्नाटक में चुनाव से ठीक दो दिन पूर्व वायरल हुई और इससे ठीक पहले केन्द्रीय सत्तारूढ़ दल के स्टार प्रचारकों ने आरोपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगे। सबसे चुस्त दुरूस्त आई सैल जिस पार्टी के लिए दिन रात खबरें बनाता है और तमाम मुद्दों को वायरल करता है क्या उनको नहीं पता था भारत के सबसे बड़े सैक्स स्कैण्डल के बारे में ? केन्द्र सरकार की तमाम ऐंजेंसियां क्या कर रही थी ? क्यों जेडीएस के प्रस्याक्षी को टिकट दिया गया ? क्यों परिवारवाद को बढ़ावा दिया गया ?
सवाल तो विपक्ष के लिए भी बनता है कि यदि उनको सब पता था तो चुनाव से पहले क्यों नहीं मामले के प्रति कानूनी कार्यवाही की आखिर कर्नाटक में तो उन्हीं की सरकार है। कैसे आरोपी अपना क्षेत्र छोड़ कर चुनाव के तुरंत बाद फरार हो गया ? किसने फरार होने में मदद की ? पूर्व सांसद के घर में काम करने वाली महिला स्टाफ ने हिम्मत की और आवाज उठाई तब ये मामला सामने आया लेकिन सूत्रों के हवाले से पता चलता है कि पार्टी के अंदरखाने कार्यकर्ता प्रज्वल को टिकट देने के खिलाफ थे यानी उनको कुछ तो भनक थी तो क्यों आलाकमान ने मामला संज्ञान में नहीं लिया ? किसी भी पार्टी के लिए सिर्फ चुनाव जीतना और सत्ता विस्तार करना ही लक्ष्य होना चाहिए ? या लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, राजनैतिक सुचिता और नागरिक सुरक्षा, महिला सम्मान जैसे मूल्य भी पार्टी के वैचारिक चेतना में दिखने चाहिए। आजाद भारत का यह पहला मामला है जिसने सोचने पर मजबूर किया है। गृहमंत्री जी ने अपने भाषण में इस मुद्दे से पल्ला झाड़ते हुए बयान दिया है कि उक्त मामला पुलिस और कानून का है और राज्य सरकार को एक्शन लेना चाहिए। लेकिन प्रधान मंत्री जी पुनः पूर्ववत रूप से मौन धारण किए हैं, मणिपुर हिंसा पर भी मौन थे और अब कर्नाटक सैक्स स्कैण्डल पर भी मौन है, आरोपी प्रज्वल के वीडियो सबके सामने हैं कर्नाटक की 14 शीटों के लिए दूसरे चरण का चुनाव होना है। क्या केन्द्र सरकार चुनाव निपटने से पहले कर्नाटक सैक्स स्कैण्डल के आरोपी को सजा दिलाने के लिए महती कदम उठायेगी या मौन रह कर चुनाव जीतने का उपक्रम करेगी। वक्त की आगोश में कैद हैं बहुत से सवालों के जवाब।